नगर निगम के मोहन नगर जोन मे जहां नज़र जाए चारों ओर कूड़े का अंबार, लोग हो रहे हैं बीमार, नगर निगम लाचार
डाटला एक्सप्रेस संवाददाता
गाज़ियाबाद:-देश का अठ्ठारहवा व उत्तर प्रदेश का दूसरा स्वच्छ शहर होने का तमगा प्राप्त कर चुका गाज़ियाबाद आज नगर निगम मे बैठे अधिकारियों की लापरवाही और कामचोरी की के चलते गंदगी की मार झेल रहा है।
मोहन नगर जोन अंतर्गत कई ऐसे स्थान है जहा लगा कूड़े का अंबार नगर निगम गाज़ियाबाद के अधिकारियों के लापरवाह कार्यशैली को उजागर कर रहा है।
उदाहरण के लिये सिकंदरपुर पुलिस चौकी के सामने सैंचुरी ग्रांड बैंक्वेट के पास मुख्य वज़िराबाद मार्ग पर दिन भर जमा होने वाला गिला कुड़ा जिसे आस-पास के कुछ लापरवाह आम लोग इसलिये वहां डाल जाते हैं क्यूंकि नगर निगम से कुड़ा उठाने वाली गाड़ियां अब हफ्ते मे एक या दो बार ही दर्शन दे पाती है। नतीजतन मौके पर गीले कूड़े का अंबार लगा रहता है जिसमें कई बिमारीयां पलती हैं और बदबू तो ऐसी जो राहगीरों को नाक बंद करने पर मजबूर कर देती है।
इसी प्रकार नगर निगम के मोहन नगर जोन स्थित इनका अघोषित कूड़ा डंपिंग ग्राउंड लोहिया पार्क से अराधना सिनेमा जाने वाला रास्ता जिसे देख कर कोई विश्वास ही नही कर पाता कि हम राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटी हाई टैक, स्वच्छता मे प्रदेश के दूसरे स्थान पर काबिज गाज़ियाबाद मे आए हो बल्कि इस स्थान पर जाकर तो ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे हम भारत के किसी सबसे पिछड़ी जगह पर आ गए हैं जहां का प्रशासन पूरी तरह अंधा हो चुका है।
नगर निगम गाज़ियाबाद के अधिकारियों की लापरवाही की हद तो यह है कि यदि कोई आम नागरिक मोहन नगर जोन के जोनल प्रभारी को फोन करके इस बाबत कोई जानकारी देना चाहे तो प्रभारी साहब कभी किसी का फोन ही नहीं उठाते अब भला ऐसे मे कोई आम नागरिक कहा जाए।
हमारे द्वारा विभिन्न ताजा तस्वीरों सहित एक संक्षिप्त शिकायत शाशन को भेजी जा रही है जिससे शाशन सत्ता मे बैठे लोगों को नगर निगम गाज़ियाबाद खास कर मोहन नगर जोन मे बैठे अधिकारियों की असल सच्चाई का पता चल सके, ये वही अधिकारी हैं जो मुख्यमंत्री आदि मंत्रियों के गाज़ियाबाद दौरे के समय रास्तों पर जल छिड़काव और साफ-सफाई का काम कुछ ही घंटों मे कर डालता है और वीआईपी दौरा पूरा होते ही शहर को उसके हाल पर छोड़ देते हैं।
मोहन नगर जोन अंतर्गत हर ओर जमा कूड़े और गंदगी को हमारे द्वारा कुछ तस्वीरों के माध्यम से आपके समक्ष रखा जा रहा है, जो नगर निगम गाज़ियाबाद की पोल खोलने के लिये काफी है।