'प्रस्तुति' डाटला एक्सप्रेस
फोन बजता है
मोदी - हैलो कौन बोल रहा है
दूसरी तरफ मैं कोरोना बोल रहा हूं ,
ओर आपसे मिलना चाहता हूं।
मोदी - मीटिंग रखते हैं।
दोनो की मीटिंग जनवरी में। दोनों आमने-सामने बैठे हैं।
मोदी-बोलो मुझसे क्या काम है।
कोरोना-मै चीन में जन्मा हूं और अब भारत में आना चाहता हूं
मोदी-भारत में तुझे मार दिया जाएगा।
कोरोना-तभी तो तुमसे मिलने आया हूं। मैं मरना नहीं चाहता हूं मैं तेरे बहुत काम आऊंगा।
मोदी-मेरी कुछ शर्तें हैं मेरी शर्तों के मुताबिक चलोगे तो तुम जिंदा भी रहोगे ओर मेरा मक़सद भी पूरा हो जाएगा।
कोरोना-तुम्हारी क्या क्या शर्तें हैं।
मोदी-तुम्हारे आगमन पर मैं थाली बजवाऊंगा इससे तुम सतर्क हो जाओगे फिर मैं लोकडाऊन करवा दूंगा। फिर मैं रात के समय बिजली बंद करवाकर मौमबती जलवा कर रोशनी करवाऊंगा...
तब तुम तैयार रहना और मजहबीयों में घुस जाना। मेरा मक़सद उनको देश से उखाड़ने का पूरा होगा फिर मैं लोकडाऊन की आड़ में वो तबाही लाउंगा कि मनुष्य सम्भल नहीं पायेगा।
मैं जब भी तुझे आदेश दूं तुम उस शहर में घुस जाना। खबरदार जो रैलियों में घुसा तो। जहां मतदान हो वहां तेरा जाना वर्जित है ओर जहां पर भाषण हो वहां भी तेरा जाना वर्जित है।ओर कहां जाना है मैं बताता हूं। मंदिर में स्कूल में कॉलेज में ओर जहां भी प्रगति का कार्य हो वहां ओर मोल, सिनेमा हॉल दुकानों में बस मनुष्य को इतना डरा देना कि वो दहशत से ही मर जाये... ओर नाम तेरा हो ओर फायदा मेरा हो। मैं वैक्सीन के बहाने लोगों की ज़िंदगी से खेलूं और कोरोना की मोत का नाम लगा दूंगा।
कोरोना, कोरोना, कोरोना! हाय - हाय ना जाने ये कोरोना का खेल कब तक चलेगा...
"आलेख" राजकुमारी डीगवाल
(हरियाणा)