डॉ भावना शुक्ल द्वारा रचित रचना "स्त्री शक्ति"

स्त्री शक्ति स्वरूपा है

जगत रूपा है।

स्त्री की महिमा जग में अपार 

थामी है उसने घर की पतवार

उसमे समाया ममता का सागर

जीवन भर भरती सदा स्नेह की गागर।

प्रेम दया करुणा की है मूर्ति

करती है हर रूपों में पूर्ति।।।

स्त्री ही है पालनहार

उसी से है जन्मा सकल संसार।

स्त्री शक्ति की ललकार है

स्त्री दुर्गा,लक्ष्मी, है सरस्वती की झंकार

समय आने पर बन जाती है काली का अवतार।

स्त्री बढ़ा रही है कदम अपने आगे

आने वाली पीढ़ियों के भाग जागे

स्त्री को भी देनी पड़ती है सीता की अग्निपरीक्षा।

इस युग में भी है राम का स्वरूप।

ढलना पड़ता है उनके अनुरूप।

मां ,बहन, बेटी है जग का सार।

मिलता है उन्हें उतना ही प्यार।

स्त्री है सबसे न्यारी.....

है वो हर सम्मान की अधिकारी



डॉक्टर भावना शुक्ल "नोएडा" 

प्रस्तुति डाटला एक्सप्रेस/8800201131,9810862251

ईमेल:-datlaexpress@gmail.com




Comments
Popular posts
एडवोकेट सोनिया बोहत को बाला जी मंदिर कमेटी ने किया सम्मानित
Image
भक्त कवि श्रद्धेय रमेश उपाध्याय बाँसुरी की स्मृति में शानदार कवि सम्मेलन का किया गया आयोजन।
Image
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की छत्रछाया में अवैध फैक्ट्रियों के गढ़ गगन विहार कॉलोनी में हरेराम नामक व्यक्ति द्वारा पीतल ढलाई की अवैध फैक्ट्री का संचालन धड़ल्ले से।
Image
सरकारी राशन की दुकान मालिक मैसर्स अब्दुल कलाम व अरविंद कुमार उड़ा रहे राज्य सरकार के आदेशों की धज्जियां
Image
जर्जर बिजली का खंभा दे रहा हादसे को न्यौता, यदि हुआ कोई हादसा तो होगा भारी जान माल का नुकसान।
Image