सबसे समता भाव ही, सबसे सबकी प्रीत।
गुरु से सच्चे प्रेम की, सदा जगत में जीत।।
ऊँची महिमा आपकी, ऊँचा है गुणगान।
सदा जगत में है बड़ा, गुरु का ऊँचा स्थान।।
आत्म लक्ष्य ज्ञान की, जल रही ज्योति दीप।
चहुँदिश फैली रोशनी, जैसे मोती सीप।।
आत्म लक्ष्य आपका, सच्चा करम विधान।
सदा समर्पण भाव ही, साधक की पहचान।।
स्वामी जी है आपका, ये सच्चा संदेश।
शिक्षा ज्योति ज्ञान की, फैले घर-घर देश।।
जय गुरुदेव नमः
लेखिका चन्द्रकांता सिवाल "चन्द्रेश"
उपप्रधान (दिल्ली प्रांतीय रैगर पंचायत पंजी.)