दिल्ली:-आज दिनांक 10 सितंबर 2020 को दलित लेखक संघ की कार्यकारिणी के पदाधिकारीयों द्वारा दिल्ली में सर्वसम्मति से इस कोरोना काल की परिस्थितियों को देखते हुए फोन कॉन्फ्रेसिंग काल पर यह निर्णय लिया गया है कि कर्मशील भारती को दलेस महासचिव के पद से निष्काषित किये जाने के बाद महासचिव के रिक्त पद पर डॉ. पूनम तुषामड़ को सर्वसम्मति से अधिवेशन की कार्यवाही तक महासचिव के पद पर नियुक्त किया जाता है। ताकि दलेस की पत्रिका 'प्रतिबद्ध' जो दिवंगत कथाकार कैलाश चंद चौहान पर केंद्रित विशेषांक और अधिवेशन की प्रक्रिया को अंजाम दिया जा सके।
डॉ पूनम तुषामड़
याद रहे कि पिछले दिनों कर्मशील भारती को उनकी निष्क्रियता, अनुशासनहीनता, संविधान की अवहेलना करने और गैर जिम्मेदाराना व्यवहार (पदों की अवमानना करते हुए मनमर्ज़ी से कार्यक्रम करना, मीटिंगस तय करना आदि) करने तथा दिवंगत रजनी तिलक द्वारा दिए गए 1200/- रुपये व अपना चंदा तक न देने पर 'दलेस' द्वारा अनिश्चित अवधि के लिए पद और सदस्यता दोनों रद्द किये गए। साथ ही यह भी चेताया गया था कि संगठन के दस्तावेजों का दुरुपयोग न करते हुए आप उन्हें जल्द से जल्द ससम्मान लौटने का प्रयास करेंगे। इसके उपरांत कुछ अति महत्वकांक्षी लोगों के साथ मिलकर गैरसंवैधानिक तरीके से दलित लेखक संघ के नाम से फर्जी कार्यकारिणी का गठन कर दस्तावेज़ों का दुरुपयोग किया गया। जिसका वर्तमान अध्यक्ष हीरालाल राजस्थानी ने इसकी सिरे से भर्त्सना करते हुए इस कार्यकारिणी का कड़े शब्दों में खंडन करते हुए कहा कि यह लोकतांत्रिक प्रतिक्रिया पर हमला है।