साहिबाबाद थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली डीएलएफ पुलिस चौकी पर तैनात कांस्टेबल इंद्रजीत ने सरकारी मोटरसाइकिल अपाचे (चीताह्) क्रमांक 153 वाहन संख्या UP14AG0874 को एक पूरी बेचने वाले को चलाने के लिए दे दिया जिसे वह सिकंदरपुर पुलिस चौकी के आस-पास लेकर खुलेआम घूम रहा था जो कि थाना टीलामोड़ के अंतर्गत आने वाला क्षेत्र है। जब इस बारे मे उस व्यक्ति से पूछा गया कि आप एक सरकारी वाहन क्यू चला रहे हो तो उसने बड़े ही रुआब से जवाब दिया कि मुझे तो दीवान साहब ने किसी काम से बाइक लेकर भेजा है और कहकर डीएलएफ की ओर जाने लगा जब उसका पीछा करते हुए हमारे संवाददाता डीएलएफ गेट पहुंच वहा खड़े सिपाही इंद्रजीत से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कहा इसे मैंने किसी काम से भेजा था तुम्हें जो करना है करो जहां मर्जी शिकायत करो मैं अपने अधिकारियों को जवाब दे दूँगा।जब इस बाबत डीएलएफ चौकी इंचार्ज राजकुमार से बात की गई तो उन्होंने इस सम्बन्ध में कोई भी जानकारी होने से इंकार कर दिया। सोचने वाली बात है कि जब इस तरह एक आम आदमी सरकारी वाहन को यूँ ही लेकर खुलेआम घूमता रहेगा तो बदमाशों का पुलिस के प्रति क्या खौफ रह जाएगा जिसका नमूना हालहि में हम कानपुर हत्याकांड में देख चुके है जिसमें विकास दूबे नामक गैंगस्टर ने बेखौफ हो आठ पुलिस कर्मियों को बड़ी ही बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था। यहा इस बात का जिक्र इसलिए भी करना जरूरी है कि यह छोटी-छोटी बाते जिन्हें इंद्रजीत जैसे सिपाहियों द्वारा बड़ा ही आम समझा जाता है के कारण अपराधियों के मन से पुलिस का खौफ खत्म होता जाता है और अपराध करने के लिए उनके हौसले भी बुलंद रहते हैं।
उक्त मामले से संबंधित सभी तथ्य साक्ष्यों सहित वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गाज़ियाबाद श्री कलानिधि नैथानी को भेजा जा रहा है जिसमें देखना दिलचस्प होगा कि एएसपी द्वारा सिपाही इंद्रजीत के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाती है।