गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन खंड जोन 3 में अवर अभियंताओं की शह में भारी मात्रा में हो रहे हैं अवैध निर्माण

डाटला एक्सप्रेस संवाददाता


 


(गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन खंड जॉन 3  के संरक्षण में हो रहा है भारी मात्रा में अवैध निर्माण) 


 


कोरोना महामारी के कारण 25 मार्च से लगे लंबे लॉकडाउन की वजह से जूझ रहे भारत को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा है। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने के लिए भारत सरकार ने 1 जून से अनलॉक वन को प्रारंभ किया है। जिसके अंतर्गत सभी व्यवसायिक गतिविधियों को कोरोना महामारी के दृष्टिगत बनाए गए नियमों को ध्यान में रखते हुए शुरू करने के आदेश दिए गए हैं। भारत सरकार द्वारा अपने-अपने राज्यों में कोरोना संक्रमित मामलों की संख्या को ध्यान में रखते हुए अपने-अपने स्तर पर नियम बनाने की छूट भी भारत सरकार ने सभी राज्यों को दी है।


 


हाउसिंग सैक्टर देश का एक बोहोत बड़ा और महंगा सैक्टर है। लॉकडाउन की वजह से निर्माण कार्य रुक जाने के कारण इस सैक्टर को काफी नुकसान भी उठाना पड़ा है। 1 जून से अनलाॅक 01 के शुरू होते ही इस सैक्टर ने दोबारा अपनी रफ्तार को पकड़ लिया है और बोहोत तेजी से सभी निर्माण कार्य पुनः शुरू हो गए हैं। परंतु दूसरी ओर यह भ्रष्टाचार में लिप्त सबसे बड़ा सेक्टर भी माना जाता है।निर्माण मानकों के विपरीत निर्माण करवा कर अपनी जेबों को भरने में विकास प्राधिकरण के छोटे कर्मचारी से लेकर बड़े अधिकारियों तक कोई पीछे नहीं हटते और अपनी शह देकर अवैध निर्माणों को निरंतर होने देते हैं। आखिर शह दे भी क्यू ना भारी मात्रा में मिलने वाला पैसा इनकी कलम से लेकर इनका मुँह तक जो बंद कर देता है जिससे सरकार को भारी राजस्व हानि होती है।


 


ऐसा ही एक मामला गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के  प्रवर्तन खंड जोन 03 (तीन) से सामने आया है जिसमें जोन के अवर अभियंताओं कि शह पा भारी मात्रा में अवैध निर्माण हो रहे हैं इन सभी अवैध निर्माणों के मुख्य बिंदु कुछ इस प्रकार हैं


 


(1)- निर्धारित सीमा से अधिक ऊंचाई और मानचित्र के बिल्कुल विपरीत खुले में हो रहा है अवैध कमर्शियल निर्माण


(2)-FAR  नियमों का किया गया है उल्लंघन यानी निर्धारित से अधिक क्षेत्र को कवर करके किया गया निर्माण


(3)- अतिरिक्त निर्माण का नहीं कराया गया है शरमन और बिना नक्शा पास हुए ही शॉप का निर्माण किया जा रहा है


(4)- निर्धारित से अधिक शब्दों की चौड़ाई जिन्हें तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है


(5)- जिला अधिकारी से बिना आदेश प्राप्त किए हैं किया जा रहा है अवैध भूजल दोहन


 


गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के भ्रष्टाचार की कहानियां किसी से छुपी हुई नहीं है कितनी बार अवैध निर्माणों को अपनी शह देने के मामले में कई अवर अभियंता सस्पेंड भी हुए हैं बावजूद इसके यह अपनी कारस्तानीयों से बाज नहीं आते और निरंतर अवैध निर्माणों को अपनी शह देकर उन्हें पूरा करवाते हैं जिससे राज्य सरकार को भारी राजस्व को नुकसान उठाना पड़ता है। लेकिन इनको इन सब चीजों से कोई मतलब नहीं होता इन्हें तो केवल अपनी जेबें भरने भर से मतलब है। यदि कोई शिकायत करें तो यह शिकायतकर्ता को पूर्वाग्रह से ग्रसित और ब्लैक-मेलर बताते हैं और शिकायतों पर कुछ इस प्रकार से आख्या लगाते हैं कि उक्त निर्माण के खिलाफ दायर वाद न्यायालय में लंबित है उक्त निर्माण को सील कर पुलिस संरक्षण में दे दिया गया है। जबकि मौके पर ऐसा कुछ नहीं होता यह सब केवल इनकी काग़ज़ी कार्यवाहियां होती है जो अवैध निर्माणों को पूरा करने में इन्हें सहायता प्रदान करती हैं। असल में अवैध निर्माणों को पूरा करवाने के लिए यह लोग एक सिस्टम से काम करते हैं जिसमें सबसे पहले अवैध निर्माणों के खिलाफ न्यायालय में वाद दाखिल कर दिया जाता है और दिखावटी सिलिंग की कार्यवाही कर संबंधित थाने को उक्त निर्माण की शिकायत दे निर्माण को अपने संरक्षण में लेने के लिए कहा जाता है। यह सारी कागज़ी कार्यवाहियां इन अभियंताओं को शिकायतों का निवारण करने में सहायता प्रदान करती हैं यदि कोई शिकायत करता है तो यह कुछ इस प्रकार से अपनी आख्या प्रस्तुत करते हैं कि उक्त निर्माण का वाद न्यायालय में लंबित है एवं निर्माण को सील कर पुलिस अभिरक्षा में दे दिया गया है जबकि ऐसा होता नहीं है कागजों में सील बिल्डिंग मौके पर बन कर तैयार होती हैं।


इन सभी अवैध निर्माणों की शिकायत उच्च अधिकारियों से कर दी गई है और भविष्य में भी जोन के अंदर हो रहे सभी अवैध निर्माणों की शिकायत इसी प्रकार से की जाती रहेगी जिसमें देखने वाली बात यह होगी कि इन भ्रष्ट अवर अभियंताओं पर कोई कार्यवाही होती है या यह लोग यूँ ही जनता और सरकार को लूटते रहेंगे। 


 


अवैध निर्माणों की तस्वीरें





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