UP Cabinet Meeting : यूपी में महंगी हुई शराब, पेट्रोल और डीजल की कीमत में भी बढ़ोतरी


सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में उप्र लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश 2020 को मंजूरी देने के साथ 10 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।...


लखनऊ:-कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के चलते उत्तर प्रदेश सरकार की कमाई को तगड़ा झटका लगा है। ऐसे में बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए योगी सरकार ने कई अहम फैसले लिये हैं। इसी क्रम में बुधवार को यूपी कैबिनेट की बैठक में पेट्रोल पर दो रुपये प्रति लीटर और डीजल पर एक रुपये प्रति लीटर वैट बढ़ाने को मंजूरी दे दी गई। इसके अलावा देशी शराब की कीमत भी पांच रुपये बढ़ा दी गई है। अंग्रेजी शराब की कीमत 20 से 400 रुपये तक बढ़ा दी गई है। आज रात 12 बजे से बढ़ी हुई कीमतें लागू हो जाएंगी। बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश 2020 को मंजूरी देने के साथ 10 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।


कोविड 19 के कारण जारी लॉकडाउन से पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था में फिर से जान फूंकने के लिए यूपी कैबिनेट ने पेट्रोल व डीजल पर वैट बढ़ा दिया है।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पेट्रोल व डीजल पर वैट बढ़ाने को मंजूरी दे दी गई। इसके अलावा शराब की कीमत भी बढ़ा दी गई है। बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने मीडिया से बातचीत में कहा कि लॉकडाउन के कारण हमारा टैक्स कलेक्शन बहुत गिरा है। हमारी आर्थिक स्थिति इस महीने कमजोर रही है। इसे ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है।


वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि 71.91 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत है। 2 रुपये महंगा होने के बाद इसकी कीमत 73.91 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी। डीजल की कीमत 62.85 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 63.86 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी। उन्होने कहा कि हमारे लिए संसाधन जुटाना अति आवश्यक था। हमारी मांग 12141 करोड़ रुपये थी, जिसके सपेक्ष 1178 करोड़ रुपये हुआ। मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि यूपी सरकार ने अपने संसाधनों को बढ़ाने के लिए यह दाम बढ़ाएं हैं। इन बढ़ोतरी से 2070 करोड़ रुपये का अतिरिक्त रेवेन्यू यूपी सरकार को प्राप्त होगा।


वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि लॉकडाउन में शाराब बंदी के कारण अवैध शराब बिक्री शुरू हो गई। इस दौरान पुलिस ने 8820 लीटर अवैध शराब को पकड़ा है। कुछ 3627 लोग गिरफ्तार किया गया। सैनिटाइजर पीने से 3 लोगों की मौत भी हुई। शराब न मिलने पर इन लोगों ने सैनिटाइजर पी लिया था। सुरेश खन्ना ने बताया कि सरकार ने निर्णय लिया है कि वर्तमान की आबकारी नीति में भी अतिरिक्त बढ़ोतरी की जाए। देशी शराब पर 5 रुपये प्रति बोतल टैक्स बढ़ाया गया है। यानी 65 रुपये की जगह अब 70 रुपये में मिलेगी। 75 वाली 80 में मिलेगी।


विदेशी शराब इकोनमी अब 180 एमएल तक 10 रुपये, 500 एमएल तक 20 रुपये और 500 एमएल से अधिक 30 रुपये महंगी मिलेगी। इसी प्रकार मीडियम विदेशी शराब अब 180 एमएल तक 10 रुपये, 500 एमएल तक 20 रुपये व 500 एमएल से अधिक 30 रुपये महंगी मिलेगी। रेगुलर विदेशी शराब अब 180 एमएल तक 20 रुपये, 500 एमएल तक 30 रुपये व 500 एमएल से अधिक 50 रुपये महंगी मिलेगी। इसी प्रकार मीडियम विदेशी शराब अब 180 एमएल तक 20 रुपये, 500 एमएल तक 30 रुपये व 500 एमएल से अधिक 50 रुपये महंगी मिलेगी। इसी प्रकार मीडियम विदेशी शराब अब 180 एमएल तक 20 रुपये, 500 एमएल तक 30 रुपये व 500 एमएल से अधिक 50 रुपये महंगी मिलेगी। विदेशी इंपोर्टेड शराब अब 180 एमएल तक 100 रुपये, 500 एमएल तक 200 रुपये व 500 एमएल से अधिक 400 रुपये महंगी मिलेगी। इससे सरकार को 2359 करोड़ रुपये का फायदा होगा।


कोरोना वारियर्स पर हमले को लेकर यूपी में बना सख्त कानून


उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कोरोना वारियर्स की सुरक्षा को लेकर कड़े कानून पर मुहर लगा दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश 2020 को मंजूरी दे गई है। नए कानून के तहत डॉक्टर्स, स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिस कर्मियों और स्वच्छता कर्मियों के साथ ही शासन की तरफ से तैनात किसी भी कोरोना वारियर्स से की गई अभद्रता या हमले पर छह माह से लेकर सात साल तक की सजा का प्रावधान और पचास हजार से लेकर 5 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार सुबह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कैबिनेट की बैठक की। इसमें उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश 2020 को मंजूरी दे दी गई है। नए कानून में डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिसकर्मियों, स्वच्छता कर्मी और सरकार द्वारा तैनात किसी भी कोरोना वारियर से अभद्रता या हमला करने वाले के लिए सात साल तक कैद और पांच लाख तक के जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही राज्य और जिला स्तर पर महामारी नियंत्रण प्राधिकरण गठित करने का निर्णय लिया गया है।राज्य स्तर पर मुख्य सचिव और जिले में जिलाधिकारी प्राधिकरण के अध्यक्ष होंगे।


चिकित्सकों, सफाई कर्मियों, पुलिस कर्मियों एवं किसी भी कोरोना वारियर्स पर थूकने या गंदगी फेंकने पर और आइसोलेशन तोड़ने पर भी इस कानून के तहत कड़ी कार्रवाई होगी। इस कानून के तहत कोरोना वारियर्स के खिलाफ समूह को उकसाने या भड़काने पर भी कार्रवाई हो सकती है। इसके तहत दो वर्ष से पांच वर्ष तक की सजा का और पचास हजार से 2 लाख तक का जुर्माने का प्रवाधान है।


इस नए अध्यायदेश के अनुसार मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य महामारी नियंत्रण प्राधिकरण बनेगा, जिसमें मुख्य सचिव सहित सात अन्य अधिकारी सदस्य होंगे। दूसरा तीन सदस्यीय जिला महामारी नियंत्रण प्राधिकरण होगा, जिसका अध्यक्ष डीएम होगा। राज्य प्राधिकरण महामारी के रोकथाम नियंत्रण से संबंधित मामलों में सरकार को परामर्श देगा, जबकि जिला प्राधिकरण जिले में विभिन्न विभागों के क्रियाकलापों के साथ समन्वय स्थापित करेगा।


कोरोना महामारी को देखते हुए क्वरंटाइन का उल्लंघन करने पर एक से तीन साल की सजा और जुर्माना दस हजार से एक लाख तक का होगा। अस्पताल से भागने वालों के खिलाफ एक वर्ष से तीन वर्ष सजा और जुर्माना दस हजार एक लाख तक होगा। अस्पतालों और क्वारंटाइन सेंटरों में अश्लील एवं अभद्र आचरण करने पर एक से तीन साल की सजा और पचास हजार से एक लाख तक का जुर्माना होगा। इसमें लॉकडाउन तोड़ने और इस बीमारी को फैलाने वालों के लिए भी कठोर सजा का प्रावधान है।


अध्यादेश के मुताबिक कोई कोरोना मरीज स्वयं को छिपाएगा तो उसे 1 वर्ष से लेकर 3 वर्ष की सजा हो सकती है और 50 हजार से एक लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। अगर कोरोना मरीज जानबूझ कर सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से यात्रा करता है तो उसके लिए 1 वर्ष से 3 साल तक की सजा और 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।


इन प्रावधानों को भी कैबिनेट से मिली मंजूरी


-क्वारंटाइन का उल्लंघन करने पर एक से तीन साल की सजा और जुर्माना दस हजार से एक लाख तक का होगा।
अस्पताल से भागने वालों के खिलाफ एक वर्ष से तीन वर्ष सजा और जुर्माना दस हजार रुपए से लेकर एक लाख तक होगा।
-अश्लील एवं अभद्र आचरण करने पर एक से तीन साल की सजा और जुर्माना 50 हजार से एक लाख रुपये तक के जुर्माने और लॉक डाउन तोड़ने, इस बीमारी को फैलाने वालों के लिए भी कठोर सजा का प्रावधान है।


-अगर कोई कोरोना मरीज स्वयं को छिपाएगा तो उसे 1 से से भागने वालों के खिलाफ एक वर्ष से तीन वर्ष सजा और जुर्माना दस हजार रुपए से लेकर एक लाख तक होगा।



अश्लील एवं अभद्र आचरण करने पर एक से तीन साल की सजा और जुर्माना 50 हजार से एक लाख रुपये तक के जुर्माने और लॉक डाउन तोड़ने, इस बीमारी को फैलाने वालों के लिए भी कठोर सजा का प्रावधान है।



-अगर कोई कोरोना मरीज स्वयं को छिपाएगा तो उसे 1 से लेकर 3 वर्ष की सजा हो सकती है, और 50 हजार रुपये से एक लाख तक का जुर्माना देय होगा।



-अगर कोरोना मरीज जानबूझ कर सार्वजनिक परिवहन से यात्रा करता है तो उसके लिए एक से 3 साल तक की सजा और 50 हजार से 2 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है।



नए अध्यादेश में सरकार ने कोरोना पर नियंत्रण और इलाज के लिए दो प्राधिकरणों के गठन का भी फैसला हुआ है। इस क्रम में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक राज्य महामारी नियंत्रण प्राधिकरण बनेगा। इसमें मुख्य सचिव सहित सात अन्य अधिकारी सदस्य होंगे। इसके अलावा डीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जिला महामारी नियंत्रण प्राधिकरण का भी गठन होगा।
राज्य प्राधिकरण महामारी के रोकथाम नियंत्रण से संबंधित मामलों में सरकार को परामर्श देगा, जबकि जिला प्राधिकरण जिले में विभिन्न विभागों के क्रियाकलापों में समन्वय स्थापित करेगा।


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