गाजियाबाद:-प्रदेश सरकार की ओर से लॉकडाउन-3 के दौरान पोर्टल पर ऑनलाइन अनुमति दिए जाने के आदेश को निरस्त करते हुए नया आदेश जारी किया है, जिसमें उद्यमी सिर्फ शपथ पत्र देकर उद्योग को संचालित कर सकते हैं। इनमें करीब 12 हजार से अधिक इकाईयां शामिल हैं। शर्त है कि इकाईयां कंटेंनमेंट जोन या फिर औद्योगिक क्षेत्र के अलावा शहरी क्षेत्र में स्थित न हों।
कोरोना से बचाव के लिए सरकार ने 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ ही कोविड-19 के तहत दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए पोर्टल पर ऑनलाइन प्रपत्रों को अपलोड कर अनुमति देने के आदेश जारी किए थे। इसमें औद्योगिक संगठनों ने उद्योग चलाने की अनुमति के लिए शर्तों को लेकर आपत्तियां लगा दी थी।
शर्तों के साथ कंपनी चलाने की मंजूरी
जिले में दो दिन में जिला उद्योग केंद्र के पोर्टल पर कुल 1413 उद्योगों के लिए अनुमति मांगी गई और 587 को शर्तों के आधार पर मंजूरी दी गई। सरकार ने उद्यमियों की आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए मंगलवार देर रात उद्योग चलाने के लिए सिर्फ शपथ पत्र के आधार पर ही मंजूरी देने का शासनादेश जारी कर दिया।
बुधवार दोपहर तक करीब 70 उद्यमियों ने 34 शपथ पत्र जिला उद्योग केंद्र कार्यालय की हेल्प डेस्क पर जमा कराए, जबकि ई-मेल पर करीब 45 उद्यमियों ने शपथ पत्र भेजे। अभी तक करीब 2080 ऑनलाइन व ऑफलाइन उद्योग चलाने के लिए अनुमति व शपथ पत्र दाखिल किए गए हैं। इनमें हैवी, मीडियम, स्माल व माइक्रो इंडस्ट्री शामिल हैं। इनमें शर्त है कि यह औद्योगिक क्षेत्रों के अलावा शहरी क्षेत्र के बाहर ही स्थित हों। शहर के भीतर या कंटेंनमेंट जोन की इकाईयों को संचालित करने की अनुमति नहीं होगी। मौजूदा आदेश के बाद ऐसी करीब 12 हजार से अधिक इंडस्ट्रीज चलाई जा सकती हैं।
शपथ पत्र में यह देना जरूरी
हाल ही में उद्योग चलाने के लिए आए शासनादेश में सिर्फ शपथ पत्र देने के बाद उद्योग चलाने की अनुमति होगी। यह शपथ पत्र जिलाधिकारी के नाम होगा और जिला उद्योग केंद्र में जमा कराया जाएगा, जिसमें इकाई का नाम, कहां-कहां रजिस्ट्रेशन कराया है, कर्मचारी कितने हैं और उनके नामों की सूची एवं कोविड-19 के सभी दिशा-निर्देशों का पालन के साथ ही कंटेनमेंट जोन में न हो।
जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त बीरेंद्र कुमार ने बताया कि शासनादेश के अनुसार उद्योगों को शपथ पत्र देकर संचालित किया जा सकता है। इसमें कंटेंनमेंट जोन पर निगरानी की जरूरत होगी। अभी ऑनलाइन अनुमति में हर प्रपत्र को जांच परखकर अनुमति प्रदान की जा रही थी। अब यह देखना जरूरी होगा कि शपथ पत्र देने वाला प्रतिबंधित स्थान पर तो उद्योग नहीं चला रहा है। बावजूद इसके मौजूदा समय में उद्यमियों के साथ कर्मचारियों को भी जिम्मेदारी के साथ सावधानी बरतने की जरूरत है।