डाटला एक्सप्रेस के साहित्यिक परिशिष्ट 'साहित्य सेतु' में प्रस्तुत है वाराणसी निवासी शिक्षाविद् एवं मशहूर कवयित्री रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' की शहीदी दिवस पर एक मार्मिक रचना 'सिंहासन'

'सिंहासन'
-------------


लिखें इतिहास नया हम
सत्ता के सिंहासन का,
अँधियारों से लड़ने वाले
सरकारी निर्वाचन का।


भ्रष्टाचार हुकूमत करता
मेहनतक़श इंसानों पर,
सुप्त व्यवस्था गूँगी-बहरी
चुने इमारत लाशों पर।।


निर्धनता में दबी हुई हैं
बेबस चीख गरीबों की,
बुद्धिजीवियों को दिखती है
केवल पीर अमीरों की।


मासूमों की लाचारी को
लिख दें अब अंगारों से,
वो परिवर्तन दिखला देंगे
धधक उठे जो नारों से।


घर के जयचंदों को मिलकर
ईंटों में चुनवाएँगे,
अपराधी को बर्बरता से
नैतिकता सिखलाएँगे।


क़लमकार का फ़र्ज़ निभाकर
अंतस अलख जगाएँगे,
गद्दारों के नाम चयन कर
शिलालेख लिखवाएँगे।
__________________________

प्रस्तुति: डाटला एक्सप्रेस 31/01/2019
#9540276160 व्हाट्सप



डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
वाराणसी (उ.प्र.)भारत


Comments
Popular posts
एडवोकेट सोनिया बोहत को बाला जी मंदिर कमेटी ने किया सम्मानित
Image
भक्त कवि श्रद्धेय रमेश उपाध्याय बाँसुरी की स्मृति में शानदार कवि सम्मेलन का किया गया आयोजन।
Image
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की छत्रछाया में अवैध फैक्ट्रियों के गढ़ गगन विहार कॉलोनी में हरेराम नामक व्यक्ति द्वारा पीतल ढलाई की अवैध फैक्ट्री का संचालन धड़ल्ले से।
Image
सरकारी राशन की दुकान मालिक मैसर्स अब्दुल कलाम व अरविंद कुमार उड़ा रहे राज्य सरकार के आदेशों की धज्जियां
Image
जर्जर बिजली का खंभा दे रहा हादसे को न्यौता, यदि हुआ कोई हादसा तो होगा भारी जान माल का नुकसान।
Image